Friday, November 21, 2008

नही माने


2 comments:

cartoonist ABHISHEK said...

achchha hai... kuchh na bhi likhte to kam chal jata....fir bhi good very good...

sandeep sharma said...

इन्द्रजीत, आदिक बलवाना,
हरषी उठे जह तह भट नाना,
झपटहीं करी बल बिपुल उपाई,
पद न तरई बैठेहिं सिरु नाईं...

सुधाकर बाबु,
जिस दिन कार्टून छापा था, उसी दिन आपकी ऑफिस में खूब प्रशंशा की थी, यहाँ क्या कहूं... कंटेंट बहुत ही शानदार था...