Monday, August 4, 2008

किस्सा अपहरण का


3 comments:

राज भाटिय़ा said...

बेचारे अपहरणकर्ता. धन्यवाद

राजीव रंजन प्रसाद said...

सुधाकर जी,


आपके तीखे व्यंग्य नें वर्तमान की एक बहुत बडी समस्या की ओर ध्यान दिलाया है..बेहतरीन प्रस्तुति।


***राजीव रंजन प्रसाद

www.rajeevnhpc.blogspot.com
www.kuhukakona.blogspot.com

Udan Tashtari said...

haa haa!!! आजकल के माहौल पर सटीक!